यह बच्चे-बूढ़े, स्त्री-पुरुष, स्वस्थ व बीमार सभी के लिए अमृत एवं रोगियों के लिए वरदान है.
एलोवेरा:- एलोवेरा को घीक्वार, ग्वारपाठा और क्वारगंधाल भी कहते है. इसका वर्णन सभी प्राचीन ग्रन्थों में मिलता है. मिस्र की महारानी किलोपैट्रा अपने सौंदर्य प्रसाधन के रूप में, महान योद्धा सिकंदर अपनी घायल सेना के इलाज में एवं महत्मा गांधी जी दैनिक आहार के रूप में प्रतिदिन इसे इस्तेमाल करते थे. एलोवेरा की ३०० प्रजातियां पाई जाती है। लेकिन केवल ४ प्रजातियो में ९०% से १००% औषधीया गुण हैं। इसमें एक प्रजाति, जिसका नाम एलो बारबेडैंसिस मिलर है. जिसमें १००% औषधीया गुण पाए जाते हैं एवं सबसे उत्तम मानी जाती है. वह इस जूस में इस्तेमाल की जाती है। एलोवेरा में २०० से अधिक न्यूट्रिन्टस होते है, जिनमे २० अनिवार्य मिनरल्स, ८ अनिवार्य एमिनो एसिड्स, १४ सेकेंडरी एमिनो एसिड्स, एन्ज़यमेंस तथा १२ तरह के विटामिन विधमान है.एलोवेरा संसार का सबसे बेहतरीन एंटी-बायोटिक, एंटी-सेप्टिक, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-एजिंग, एंटी-डिसीज़, एंटी-वायरल, एंटी-स्ट्रॉस, एंटी-बक्ट्रियल, एंटी-टोक्सिन, एंटी-एलर्जिक, रोगाणु एवं कीटाणुओ को नष्ट करने वाला एवं ज्वरनाशक है. इसलिए एलोवेरा को हर तरह के रोगो को नष्ट काने वाला पौधा कहा जाता है. आज अधिकतर बिमारियों का कारन पेट की आंतों का साफ़ न होना है. एलोवेरा में पाए जाने वाले लिग्निंस (lignin s) तथा सैपोनिन्स (saponins ) हमारी आँतों में जमे होये विषैले तत्व (Toxins) को साफ़ करके आँतों को शक्ति प्रदान करते है. एलोवेरा हमारी शरीर की सभी छोटी बड़ी नस-नाड़ियों की सफाई करता है. कोशिकाओं में नई शक्ति और स्फूर्ति पैदा करता है. एलोवेरा एक आहार भी है और औषधि भी. यदि आप दवाओं व् रोगो से रहत पाना और बेहतरीन जीवन जीना चाहते हो तो एलोवेरा का नियमित सेवन करते रहें.
आँवला : आँवला पौष्टिक गुणों से भरपूर है. ये विटामिन सी का उत्तम स्त्रोत है. एक ताजे आँवले में २० संतरों के बराबर विटामिन्स होते है. यह शरीर को स्वास्थ्यवर्धक और सूंदर बनता है. इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट,एन्ज़इम्स होते है. और बुढ़ापे को रोकता है. ऐसा कहा जाता है की अन्य किसी जड़ी बूटी में आवला जैसी औषधि गुण नहीं होते।
तुलसी : तुलसी सर्वरोग नाशक है एवं अति उत्तम औधधि है.
अदरक :इससे स्वस्थ एवं यौवन बरकरार रहता है. पाचन भली भांति होता है और गैस उतपन्न नहीं होती एवं भूक खुलती है.
स्टीविया : स्टीविया संसार का सबसे बढ़िया मीठे का स्त्रोत हो यह चीनी से ३०० गुना अधिक मीठा होता है. इसमें जीरो कॉलेरी, जीरो कार्बोहैड्रेट, एवं जीरो फैट है यह एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल, एंटी-फंगल है. इसमें कई तरह के नियॉट्रियंटस होते है. मोटापा घटाने कॉलेस्ट्रॉल, शुगर, ब्लड प्रेशर में लाभदायक है.
एलोवेरा, आंवला, तुलसी, अदरक तथा स्टीविया २२० से अधिक बिमारियों में लाभदायक ही जैसे की :
मोटापा, डाइबिटीज़, ब्लड प्रेशर, कॉलेस्ट्रॉल एवं हर्दय की बिमारियों।
ख़ासी ज़ुखाम, अस्थमा, बालो का सफ़ेद होना एवं गिरना।
कब्ज, जोड़ो, का दर्द, सायटिक का दर्द एवं सवाईकल।
अल्सर, लिवर के रोग, नसों के रोग, निमोनिया।
टी.बी., पाचन तंत्र के रोग, माइग्रेन, ब्रोन्काईट्स, पथरी एवं बवासीर।
आँखों की बीमारियां, किडनी के रोग, पीलिया(हेपेटाइटस).
कैंसर, रेडियो एवं कीमोथरीपी, त्वचा के रोग व् कील मुहासे।
मसूड़ों से खून आना, सनबर्न, इरिटेबल बाउल सेन्द्रम।
एलोवेरा लिवर को शराब से होने वाली हानियों से बचता है.
एलोवेरा वीर्य, योन शक्ति, इच्छा, क्षमता, प्रसन्नता एवं स्टैमिना को बढ़ाता है.
एलोवेरा स्त्री का मित्र एवं स्त्रियों के लिए वरदान है. यहल्यूकोरिया को रोकता है. गर्भधारण क्षमता को बढ़ाता है तथा मासिक चक्र को नियमित करता है.
उपयोग : सुबह उठते ही ३० मि.ली. एलोवेरा जूस २५० मि.ली पानी में डालकर एवं रात को खाने के २ घंटे बाद ३० मि.ली. पानी में डालकर पीना चाहिये। एलोवेरा डॉक्टर्स दवरा बताई गई दवाओं से मिलकर कोई दुष्प्रभाव नहीं करता या चिकित्स्क के निर्देश अनुसार सेवन करें।
No comments:
Write comments